“हमारे आगन मा”
चमचा तेज़ चला हलवाई,देखो खुशी
मेरे घर आई,
खुश है पापा-मम्मी,ताऊ-ताई
और घर की हर एक भोजाई,
बन्नी के आने पर बहार है आई,सजा है
घर हर एक कोना,
और सजी है ,हर एक चौखट
और हर एक द्वार,
“हमारे आगन मा”……………………………………...
बन रहे है लड्डू बूंदी के और
आम का आचार
“हमारे आगन मा”....................................
यूं तो हमने भी बन्ना को टाइम
सिलेक्सन के दिखलाई थी फोटो चार
पर उनको ढेख परख के न आया उनके
मन मे कोई विचार
आता-आता भी कैसे विचार,जोड़ी सिया-राम
जी सी जो तैयार
“हमारे आगन मा”....................................
पर बन्ने तू रख ले घांठ बांध
कर मेरी एक सीख
झुका ले शीश लेले आशीष,सभी का
ये है शुभ आशीष
ये एफ़डी है लाइफटाइम की पर
इन्टरेस्ट मिले रोजाना
है दुआ साथ तो तुझे कभी न हांथ
पड़े न फैलाना
गाओ –गाओ सभी आज,खुशी का
राग
“हमारे आगन मा”.................................
आई-आई घड़ी शुभ देखो आज
“हमारे
आगन मा”....................................