Thursday 6 July 2023

"तोंद - ये कैसी है पहेली हाय"

"तोंद - ये कैसी है पहेली हाय"



अब क्या है ना जनाब की कंट्रोल ही नही होता बस बढ़ता जा रहा है,पहले जब नई-नई जवानी आ रही थी,तो लगता था की क्या स्लिम बॉडी है,क्या आकर्षक पर्सनाल्टी है, क्या बात है हीरो जैसे लग रहे हो,लोगों की तरफ से ऐसे तारीफों से भरे कमेंट आते थे, तो सुनने में बड़ा अच्छा लगता था,जिनका बड़ा हुआ देखते थे तो बड़ी ही लानत भरी नज़रों से उन्हें निहारते थे,क्या साइड हीरो की तरह लगता है,इसका कितना बड़ा है उन पर हँसा करते थे,पर पता नही था एक दिन ऐसा कुछ हमारे साथ भी घटित होगा।

साथियों मैं हूँ एक आम ग्रहस्थ आदमी जो आज आईने के सामने खड़ा है और अपने आप से बातें कर रहा है,यहां 'बड़ा या बड़े' हुए से बात हो रही है,मेरे स्वयं के यानी खुद के बड़े हुए पेट यानी कि मेरी तोंद की,और मैं लगातार अपने बड़े हुए पेट की तरफ देखे जा रहा हूँ,और अपने आप पर विचारों की बौछार कर रहा है,जी हां बड़ा हुआ पेट जिसे हमारे आम बोल चाल की भाषा में "तोंद" कहा जाता है,
तोंद एक ऐसी प्रकार की चीज जो एक बार अगर बढ़ना शुरू होती है,तो इसके बढ़ने का कोई निश्चित मापदंड नही होती कि अब रुक जाएगी बस बढ़ती चली जाती है,लोग अपने ज़िन्दगी में आगे बढ़ते हैं,अपनी मेहनत की वजह से पर ये ऐसी गजब की चीज है जो मेहनत न करने से बढ़ती है और बढ़ती चली जाती है,दुनियां में एक से बढ़कर एक प्रकार की तोंद हुई है,जिनकी तोंद अच्छी प्रकार से विकसित होती है,उनकी आंखों और कमर के नीचे के हिस्से का संपर्क उस तोंद के द्वारा खत्म कर दिया जाता है ,मतलब कहने का ये है कि वो कभी भी अगर सीधे खड़े हो जाये और आरज़ू ज़ाहिर करें कि एक बार अपनी गर्दन को झुकाकर पेंट पर लगे बेल्ट को देख लें तो असम्भव सी बात हो जाती है,गजब तो ये है,कि तोंद जो है, वो शादीशुदा मर्दों के लिए तारीफ़ की बात भी बन जाती है और तो कभी समय के साथ मुसीबत भी,कहते है अगर शादी के बाद जिस आदमी की तोंद निकल कर जितनी जल्दी बढ़ती है उसकी बीवी उसे उतना ज्यादा प्यार करती है,मतलब अच्छे से प्यार से खिला पिला रही है,खयाल रख रही है,पर ये कहावतें सिर्फ शादी के शुरूआती कुछ महीनों या सालों तक कानों में पड़ती हुई अच्छी लगती है।
लोग अपनी अच्छी शादीशुदा किस्मत पर इतराते भी है और बढ़ती तोंद को देख ये मान लेते हैं कि सच में ये बीवी का प्यार है और उसे देख देखकर खुश भी हो लेते हैं,जबकि असल में science एंड biology के अनुसार पेट के निकलने का पत्नी के प्यार से कोई लेना देना नही होता, वो सही रूटीन न रखना और exercise न करने और आलस की वजह से होता है,गजब बात तो ये है कि जानते वो भी है पर प्यार में पड़ा व्यक्ति ये मानने को तैयार नही होता,कि ये सच एक मिथ्या है,छलावा है,सत्य कुछ और ही है,पर कहते है न कि आपको अपनी किये हुए कर्म यही भोगने पड़ते है,अभी जिस बीवी के नए-नए प्यार में पड़ वो कुछ भी नहीं स्वीकार करना चाहता है,शादी के बाद जब वही बीवी के ताने उसे उसकी तोंद को लेकर सत्यता के दर्शन करवाती है तो जैसे पति महोदय को ऐसा प्रतीत होता है जैसे आज वो अचानक सालों के बाद नींद से जागे है और यथार्थ के दर्शन किए हैं। और उस पर भी जब पत्नी किसी फिल्मी हीरो की सिर्फ इसीलिए तारीफ करती है कि उसकी बॉडी कितनी फिट है, देखो कितना अच्छा लगता है, तो उस समय पति को ऐसा लगता है, जैसे उसके साथ तो कोई धोखा किया गया है,पहले प्यार के बहाने उसके पेट को बढ़ाया गया और अब उसी बड़े हुए पेट को उसकी गलती बता कर लानत दी जा रही है।
अब तो गंगाजल तो नही पर सामने रखी पानी की बोतल जो कि किसी famous brand की लेबल लगाए हमारी टेबल पर राखी थी जिसमें उस ब्रांड का नही हमारे ही घर के नल की टोंटी से निकल पानी भरा था उसे साक्षी मानकर हमने भी प्रतिज्ञा कर ली कि 'बस अब बहुत हो चुका है अब इस छलावे से बाहर निकलना है अब और मूर्ख नह बनना है, कसम है मुझे इस पेट की कुछ ही महीनों में इस पेट को कम करके दिखाऊंगा'।
इस प्रतिज्ञा को लेने के बाद मानसिकता में एक चमत्कारिक रूप से बदलाव महसूस हुआ,TV पर अचानक आंखों को ऐसे विज्ञापन ही नज़र आने लगे जिनमें पेट कम करने वाले अलग-अलग इक्विपमेंट के बारे में बताया जाता है,हमने भी सोचा आसान तरीका है एक बेल्ट का विज्ञापन देखा जिसे पहनने भर से कुछ ही दिनों में पेट कम हो जाता है हमने भी देखते ही इस आसान उपाय की शरण में जाने का फैसला किया और तुरंत ही उस प्रोडक्ट को आर्डर कर दिया पर इतने में कहाँ ये कम्बखत तोंद मानने वाली थी कुछ ही दिनों में समझ आ गया कि इस आसान उपाय की शरण में जाने से काम नही बनने वाला है ,पेट कम करने वाली कृपा कहीं रुकी हुई है,और सिर्फ और सिर्फ मेहनत मतलब सही डेली रूटीन और सही एक्सरसाइज करने से ही कुछ हो सकता है यही मन में संकल्प कर,
जैसे तैसे करके श्रीमान पतिदेव ने घर पर ही कुछ gym के इक्विपमेंट मंगवा कर विधिवत उनका पूजा पाठ करवा कर एक्सरसाइज करने का प्रण लिया,कसम खायी गयी कि अब तो कल से रोज़ इतनी एक्सरसाइज करनी है कि कुछ ही दिनों में सिक्स पैक एब्स निकल आएंगे और शर्ट लेस होकर घूमेंगे। पर हक़ीक़त तो इससे उलट ही होने वाली होती है आज सुबह जब अपनी खाई हुई कसम के अनुसार जल्दी सुबह उठकर कर घर के ऊपर वाले कमरे में रखे एक्सरसाइज इक्विपमेंट पर एक्सरसाइज करने के लिये आये तो थोड़ी देर ही हुई थी अपने बदन को एक्सरसाइज देते हुए अभी पसीने की कुछ बूंदे बमुश्किल शरीर से निकलने की तैयारी करने ही वाली थी कि अचानक नीचे से एक बेहद ही ज़हीन मगर रुबाब दार आवाज़ पति देव के कानों  में पड़ी अजी सुनते हो बहुत कर ली एक्सरसाइज अब नीचे आ जाओ बहुत काम है घर के पेट को फिर किसी दिन अंदर कर लेना वैसे भी अब पेट कम करने से कुछ होने वाला नही है,और एक बात तो बताओ किसे इम्प्रेस करने के लिए इतनी मेहनत कर रहे हो ? ये बातें हमारी श्रीमति जी के श्रीमुख से निकल रही थी और हमारे कानों में पड़ रही थी,है सब सुनकर दिमाग ये नही समझ पा रहा था, की ये पत्नियां आखिर चाहती क्या है ? पहले प्यार के कांटे पर चढ़ा कर पेट बाहर निकलवा दिया, ताकि दुनियां वाले ये ना कह पाए कि बेचारा पति शादी के बाद भी पेट अंदर करके जी रहा है मतलब पत्नी शायद ठीक से खयाल नही रखती, जब ये टारगेट अचीव कर लिया और पति की तोंद की ट्रॉफी दुनियां को दिखा दी, तो अब रोज़ बड़े हुए पेट को उंगली दिखा-दिखा कर ताने मारे जा रहे थे कि कैसे लगने लगे हो, पेट तो देखो मटका हो रहा है थोड़ा अपनी फिटनेस का ध्यान दो वगेरा वगैरह, अब जैसे तैसे पति बेचारा एक्सरसाइज शुरू करके पेट कम करने की कोशिश कर है तो अब उस पर उसे ताने सुनने पड़ रहे हैं कि कुछ नही होने वाला,उस पर और तो और शक भी किया जा रहा है कि किसे इम्प्रेस करने की कोशिश है ये ? अब इस औरत को कौन समझाये मेरे बच्चे की माँ पहले तू डिसाइड कर ले करवाना क्या चाहती है ? अब तो लगता है इसीलिए फिल्मी हीरो जल्दी शादी नहीं करते ताकि उनके पेट को बढ़ाने वाली न आ जाये,आप भी याद करके देखियेगा कहीं फैमिली प्रोडक्ट के विज्ञापन वाले फोटोज, या कार्टून में भी मिडिल क्लास शादीशुदा आदमी की फ़ोटो परिवार के साथ हो तो निकली हुई तोंद वाली ही दिखाई जाती है,वहां कभी किसी सिक्स पैक एब्स वाले को देखा है आपने।
इस अवस्था का मारा बेचारा पति अब readymade कपड़े लेने जाए तो पहले ही दुकानदार कह देते है आपकी निकले हुए पेट की वजह से सही नाप के कपड़े मिलना मुश्किल है,बेचारा करे भी क्या रेडीमदे कपड़ों को तोंद से जरा 2 इंच नीचे से कमर के सहारे पहनकर अपने शौंक को 'चलो अब ठीक है' कि संतुष्टि वाले विचार में बदलकर काम चल लेता है।
बेचारा हर रोज़ इस बड़ी हुई तोंद को रोकने और कम करने के लिए नुस्खे और उपाय कर रहा है, शायद कहीं कोई कारगर हो जाये,पर ये कम्बख्त कम होने का नाम ही नही ले रहा है,उल्टा बढ़ता ही जा रहा है,ऊपर से कभी वर्जिश कर कोशिश कर रहा हूँ तो पत्नी उल्टा शक करने लगती है की हाय-हाय ये मेहनत किसके लिए कर रहा है।
सोचता हूँ शायद कहीं कोई कुछ तरकीब काम आ जाये तो फिर हम भी जीवन में कभी शर्ट लेस होने का सौभाग्य उठा सकें। पर जनाब ये भी मुंगेरीलाल के हसीन सपने की तरह है बाकी तो आप समझदार ही है सो समझ जाइये, और हां अगर आपका पेट भी निकल कर तोंद बनने जा रहा है,तो संभल जाइए कहीं देर न हो जाये।