Thursday 26 March 2020

“कहानियाँ-कुछ अपनी सी अपनों के लिए”


               कहानियाँ-कुछ अपनी सी अपनों के लिए

कहानियाँ कल्पना की उड़ान पर ले जाती हुई,सफर की एक ऐसी गाड़ी जिस पर चड़कर हम ना जाने कितने सारे भावों के समुंदर में मनचाहे गोते लगाते हैं,यही तो है,जो हमें बचपन में बिस्तर पर लेटे-लेटे ही परियों के देश में ले जाया करती है,वही कहानियाँ जो हमें कई बार मीठे ख्वाब दिखाती है,कई बार बहुत बड़ी-बड़ी सीखेँ दे जाती है,और कई बार तो जीवन में कुछ बड़ा और महत्वपूर्ण करने की प्रेरणा देकर,हमारी सोच और जीवन की धारा को ही मोड़  देती है,कहने को तो ये कहानियाँ  सिर्फ कुछ पलों का जिक्र होती है,पर इनकी छाप जीवन के राह पर कई बार एक अमिट छाप और रंग छोड़ जाती है,बचपन तो हम सभी को याद होगा अपना-अपना,जिसका ये कहानियाँ एक अभिन्न हिस्सा रही,इन्ही ने हमें हँसाया,कभी मनोरंजन दिया,तो कभी रोमांच से भर दिया,शायद यही तो थी वो जिन्होनें हमें एक आदर्श,प्रगतिशील जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। कई किरदार इनके अंग बने कभी कोई राजा या वजीर,तो कभी कोई साधू या फकीर,कभी कोई महापुरुष,तो कभी कई बार जंगल के जानवर भी सीख और नेकी  की राह दिखाते हमारी कहानियों का हिस्सा बने। यही कहानियाँ तो थी,जिनसे रूबरू हो हम सुखद आनंद के आकाश में उड़ते हुये एक मीठी और निर्मल नींद का आनंद लेते थे।
आज कहानियाँ का जिक्र इसीलिए इतना कर रहा हूँ,क्योंकि ये कहानियाँ अपनी ज़िंदगी का बहुत अपना सा किस्सा और बेहद एहम हिस्सा सा लगती है,एक बचपन को सही दिशा में ढालने में ये कहानियाँ बहुत एहम किरदार अदा करती है।
पिछले कुछ समय एक समस्या हर parents के मुंह  से सुनने मिलती हैं कीआजकल बच्चे सुनते नहीयाउनके जीवन में क्या चल रहा हैं पता नहीयाआजकल बच्चों को privacy चाहिए,पर याद कीजिये क्या ये समस्या आपके बचपन में आपके पैरेंट्स को आपसे थी? शायद नही क्योंकि इन सभी का हल ये कहानियाँ ही थी और आज भी  हैं,जिनके जरिये आप अपने और अपने बच्चों के बीच एक healthy संवाद स्थापित कर सकते हैं,जैसा आपके parents और grandparents ने आपको सुनाकर उनके और आपके बीच किया और आप आज एक अच्छे इंसान बन सके,बचपन में बच्चों को कहानियाँ सुनाना उनके मानसिक,बौद्धिक और चारित्रिक विकास में भागीदार बनता है।
वो कुछ पल जब कोई कहानी कहता है,और कोई कहानी को सुन रहा होता है,तो उन पलों में बहुत सी घटनाएँ अप्रत्यक्ष रूप से चल रही होती है,जो की दोनों ही व्यक्तियों के जीवन में बहुत ही एहम बदलाव के बीज बो रही होती है,और यही बीज सकारात्मक बदलाव का पेड़ बन,भविष्य की नींव रखते हैं। जब आप घर के बड़े अपने बच्चों को कहानियाँ सुनाते हैं,तो उनके और बच्चों के बीच एक अनदेखा भावनात्मक संवाद बन जाता है,जो परिवार के  सदस्यों में bond को और भी मजबूत बनाता है,उनके बीच आदर सम्मान के भाव को पैदा करता है,बड़ों को अपनी बात कहने और उन्हें बच्चों को समझाने में ये कहानियाँ एक पुल का काम करती है, इन्हें सुनाने और सुनने के बहाने ही सही आप दोनों अपने 24 घंटे के schedule में कुछ पल एक दूसरे को देते हैं,जिससे बच्चे के मन और जीवन में क्या चल रहा हैं,उसे parents को समझने में आसानी होती हैं,और भावनात्मक संवाद की इस पहल से उनके बीच रिश्तों की डोर और भी मजबूत होती चली जाती है, एक कहानी किसी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में कितनी मददगार बन सकती हैं,इसे समझने के लिए किसी उदाहरण की जरूरत नही है, बस जरा आप आपने खुद के flashback में जाइए और अपने बचपन को याद कीजिये,की जो कहानियाँ आपने अपने बचपन में सुनी उनका आपके जीवन में कितना गहरा मूल्य रहा और,उन कहानियों ने आपके जीवन को कितना प्रभावित किया,और अगर जवाब हाँ में मिले तो आज से ही अपने बच्चों को भी उन्हीं कहानियों का अनमोल तोहफा दीजिये,और ले जाइए उन्हें भी पारियों के देश,नंदन वन में चीकू खरगोश और शेरू से मिलवाने,नन्ही पिंकी जो शरारतें करती और सीखती है,देश प्रेम से भरे वीरों से मिलवाने,बहुत कुछ था और हैं,सुनाने को। तो जनाब और मोहतरमा फिर देर किस बात की,उनके और अपने बीच रिश्तों की गर्माहट को और गहरा कीजिये,जो कभी आपको मिला,तो तैयार हैं कहानियाँ सुनाने को।