Wednesday 31 May 2017

"आखिर क्यों नहीं???"
                                   

आज 31 मई 2017 को विश्व तम्बाखू निषेध दिवस मनाया गया। जगह जगह कार्यक्रम भी आयोजित हुए होंगे,रैली या मार्च भी शायद आयोजित हुए होंगे । पर क्या वास्तविक रूप में हम इस बात को लेकर गंभीर हैं कि हमारे समाज में तम्बाखू को बाकई पूरी तरह से बंद हो जाना चाहिए?अगर आप इस लेख को पढ़ते समय अपना सिर हाँ में हिला रहे हैं तो क्यों अब तक ये बंद नही हुआ? क्या आप और मैं इतने कमज़ोर हैं कि एक छोटा सा प्रयास नही कर पा रहे,इस गंदगी को अपने आस-पास से खत्म कर सकें । अब आप शायद दूसरों को या सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराएंगे। और शायद आप सही भी हो सकते हैं,क्योंकि घर के बाहर अगर सड़क पर अगर कचरा हो तो शायद ये एक बार सरकार और नगर निगम की जिम्मेदारी हो सकती है कि उसे साफ करवाया जाए क्योंकि आप टैक्स देते हैं । पर यदि गन्दगी आपके घर के अंदर हो तो उसे साफ करने की जिम्मेदारी किसकी होगी ,मतलब तम्बाखू उत्पाद जैसे सिगरेट, गुटखा आदि का सेवन करने वाले कोई बाहरी दुनिया के लोग नहीं है, ध्यान से आंखे खोलकर देखिये वो आपके व हमारे घर के ही लोग है ,शायद आपका बेटा, किसी का भाई, पति,पिता,या कोई भी हो सकता है। और अगर ये सच है तो इसका बात का आप विरोध क्यों नही करते क्यों हम मूक दर्शक बनकर इस बात को नज़रअंदाज़ करते रहते हैं । और इस बात को और बढ़ावा देते हैं और इस गलती के लिए सरकार और सिस्टम को कुसूरवार ठहराते रहते हैं ।क्यों कोई माँ अपने बच्चे को तंबाखू पदार्थों का सेवन करने से नही रोकती ,क्यों कोई पत्नी अपने पति को इस बात पर नही टोकती,क्यों कोई पिता अपने  बच्चों के सामने सिगरेट या गुटखा खाने से परहेज़ नहीं करता।
सोचने की जरूरत है, और बस एक सकारात्मक कदम  बढ़ाने की जरुरत है ।आपका एक छोटा सा प्रयास आपके घर के सदस्यों का जीवन काल भी बढ़ाएगा और समाज से इस गंदी आदत को शायद जड़मूल से खत्म कर दे।
"तो क्या शुरुआत आज से न की जाए-जरुर करें"
                                "संयोग डायरी"