Thursday 28 September 2017

अभी और भी है।.....

अभी और भी है।.....
संघर्ष अभी और भी है।
जीती है आधी दुनिया,जीतने को बाक़ी आधी दुनिया और भी है।
संघर्ष अभी और भी है।............
मिली है मन्ज़िले सिर्फ अभी चंद,सफर अभी और भी है।
संघर्ष अभी और भी है।............
तू रुक मत थक मत,पार करने को पड़ाव अभी और भी है
संघर्ष अभी और भी है।.......
माना रास्ते में अड़चनें रूकावटे मुश्किलें है बहुत,
पर तेरे होंसलों प्रयासों के आगे इनका कोई ज़ोर नहीं है।
संघर्ष अभी और भी है।.......
सफर लंबा है इस ज़िंदगानी का,सब अपने हैं यहाँ,
गम कर साथी कई मिलेंगें बिछड़ेंगे यहाँ,
पर मिलना-बिछड़ना तो रवायात है ज़िन्दगी की,
कहाँ कोई अपना अपने सिवा कहाँ हुआ यहां,
बस यादों के घरोंदों में कुछ किस्से-कहानियां और भी हैं,
तू रुक मत थक मत,पार करने को पड़ाव अभी और भी है।
मिली है मन्ज़िले सिर्फ अभी चंद.
सफर अभी और भी है।

संघर्ष अभी और भी है।