“TV LAL AUR REMOTE RANI”
EK SWEET EXPERIENCE
लगभग हर घर में पति के
हालत किसी टीवी की तरह ही होती है।जिस पर अलग- अलग चैनल चलते रहते हैं और हर चैनल
पर मिलने वाले “program” की तो भरमार होती है,वो अलग अलग
मूड के हिसाब से अलग-अलग “program” और “films” दिखा तो सकता है और सिर्फ इसी बात पर उसे बेहद घमंड होता
है,और अपनी
इसी अदा पर वो बहुत इतराता भी है।पर वो ये भूल जाता है,कि इन
प्रोग्राम और फिल्म्स के “telecast” पर पूरा का पूरा कंट्रोल उसके
रिमोट यानि उनकी धर्म पत्नी का होता है।जनाब श्री “TV LAL” यानि पति महोदय कितना भी
अच्छा गाना बजा दें,अगर श्रीमति “REMOTE RANI” यानि पत्नी देवी कि मर्ज़ी नहीं होगी तो वे कुछ ऐसी
परिस्थिति बना देंगी जैसे टीवी का “volume” ही “mute” कर दिया हो और “TV LAL” कि हालत ऐसी होगी कि चाह कर भी गले से कुछ
नहीं बोल पाएंगे और सिर्फ मन ही मार कर रह जाएंगे।ऐसी परिस्थिति का सामना कई बार
शादीशुदा लोग रोज़ करते हैं,याद करके देख लीजिये जैसे खाने की “table” पर खाते वक़्त पत्नी जी अगर ये पूंछ लें कि “सब्जी कैसी बनी है” तो चाह कर भी “TV LAL” यानि पति महोदय नहीं कह
पाते कि सब्जी मे "नमक कम है और मिर्च ज्यादा" क्योंकि अगर ये कहने का खतरा ले लिया,तो ना जाने
कितनी बातें सुनने को मिलेंगी और जो खाना मिल रहा है वो भी न मिला तो और गज़ब,बस इतना ही सोच कर भावनाएं गले तक आकर रुक जाती हैं और पति महोदय चाह कर
भी कुछ नहीं कह पाते।
और भी कई “घटनाएँ” हैं जो कई
बार “दुर्घटनाएँ” भी बन जाती हैं आप खुद भी इसके शिकार कई बार हो चुके होंगे,पति से
तंख्वाह के पैसों के हर खर्च का हिसाब लेने का अधिकार पत्नी को होता है,पर पतिजी को ये अधिकार कभी नहीं होता की वो पत्नी जी की शॉपिंग बिल पर
सवाल-जवाब कर लें अगर मेरी बात पर भरोसा नहीं तो बस याद कर लीजिये उस पल को जब आखिरी
बार आपने पत्नी जी के शॉपिंग बिल को देख कर सिर्फ इतना सा कह दिया था “ये सब फिज़ूल
खर्च है”तो उन्होने आपका क्या हाल किया था।
घर में बनने वाले उनके “breakfast, lunch और dinner” में टीवी के मैन्यू की तरह “color,
brightness” जैसे options तो हैं जैसे “पोहा,पराठा,पासता,पनीर” बगेरह-बगेरह।पर
बनेगा वही जो आपकी “REMOTE RANI” यानि पत्नी जी बटन दबाएंगी यानि “select” करेंगी और पति जी को चुपचाप प्रसाद समझ कर
खाना होगा।
तो जनाब “TV LAL” हर बार कितनी भी कोशिश कर लें,पर ज़िंदगी की
स्क्रीन पर सुर तो वही बजेगा और “channel” भी वही “picture” दिखाएगा जो श्रीमति “REMOTE RANI” चाहेंगी।
पर ज़िंदगी के इस चित्रपट पर
हजारों रंग हैं,अगर थोड़ा ध्यान से समझा जाएँ तो टीवी पर अगर अलग अलग “picture” और “program” को रंगों से भर कर दिखाना
है तो उन रंगों को सजाने के लिए उसे रिमोट के सहारे की ज़रूरत होती है,ठीक उसी तरह
ज़िंदगी की “screen” पर भी खुशियों के रंग भरने हैं तो “TV LAL” यानि पतिजी को “REMOTE RANI” यानि पत्नी जी की सहारे की
ज़रूरत तो पड़ेगी ही।
कहते हैं न जिस तरह सड़क पर
गाड़ी दो पहियों के बिना नहीं चल सकती उसी तरह ज़िंदगी की टीवी के “screen” पर कोई भी खुशनुमा सिनेमा बिना
“remote” के नहीं चल सकता। तो बस अपनी
“REMOTE
RANI” को खुश रखिए Mr. “TV
LAL” की टीवी हमेशा खूबसूरत “programs” ही दिखाएगी।