Sunday 15 November 2015

“दिल तो बच्चा हैं जी!!!”

“दिल तो बच्चा हैं जी!!!”
इससे पहले की कुछ लिखना शुरु करूँ,मैं यह बता देना चाहता हूँ,कि मैं अब बड़ा हो गया हूँ,अब मैं ज्यादा खुल के नहीं हँसता ज्यादा हुआ तो तो सिर्फ मुस्कुरा देता हूँ,वो भी दिन में सिर्फ कुछ बार,मैं अब दोस्तों के साथ हलके–फुल्के मजाक नहीं करता,बातें अब मैच और फिल्म्स की नहीं,बल्कि गंभीर विषय जैसे भ्रष्टाचार और राजनीति पर होती हैं अब मैं बहुत सीरियस रहता हूँ,पहले बचपन में बड़ी-बड़ी लड़ाई और मारपीट हो जाने के बाद भी दोस्तों को माफ़ करके गले लगा लेता था,पर अब साथियों की छोटी सी कही गई बात को भी दिल से लगा कर बुराइयाँ बना लेता हूँ,जो की मेरे बड़े और गंभीर हो जाने का परिचय देता हैं और इसके सही होने का तर्क हैं
लेकिन हम बड़े हो गए हैं,इस बात को सिद्ध करने के लिए एक बात कुछ समझ नहीं आती,कि वयस्क दिल से होना ज़रूरी हैं या दिमाग के विकास को वयस्क होना कहते हैं।या फिर अपनी पसंदीदा चीज़ो का त्याग करना ,दिल को ख़ुशी देने वाले कामों को ना करके,तथाकथित maturity की चादर को ओड़ लेने का प्रदर्शन क्या ठीक बात हैं ? ,क्या ठीक हैं की हम दूसरों को दिखाने के लिए की हम कितने सीरियस हैं ,खुल कर हँसतें भी नही हैं ।
अब हम दोस्तों में बचपन की तरह साफगोई नहीं रही जिसमे एक पल लड़ाई करके थोड़ी देर में ही वापस गले लग जाते थे। अब लड़ाई तो छोडिये ज़रा सी बात को हम हमारा prestige issue बना लेते हैं ,और सालों पुराने व्यवहार,दोस्ती और रिश्तों में दरारों बनाकर अपनों से दूरियां बना लेते हैं।
लेकिन कभी सोचा हैं ज़िन्दगी बहुत limited stock में मिली हैं ,ज़रा सा संभल कर इसे जियें।maturity लाईये लेकिन दिल में नहीं दिमाग में । काम बड़े कीजिये बचपन की तरह homework को pending में मत डालिए ,उसे समय पर पूरा कीजिये,लेकिन छोटी-छोटी बातों पर भी खुल कर हंसिये,मजाक और शैतानियाँ भी ज़रूर कीजिये, ताकि आप भी हँसे और आसपास के लोग भी।
किसी की कही छोटी सी बात को अपने दिल पर मत लीजिये, ये आपका अहंकार हैं, ये आपकी खुशियों को नष्ट कर देगा।बिलकुल बचपन की तरह अगर झगडा हो भी जाये तो अगले ही पल गले भी लगा लीजिये ।
तो दिल को बच्चा ही बने रहने दो और दिमाग को बड़ा बनाओ।

निश्चित मानिये ये नुस्खा अचूक है heart attack से मरने वालों की संख्या कम हो जाएगी ।क्योंकि कहतें हैं बच्चों को heart attack नहीं आते क्योंकि वो बड़े दिल वाले होते हैं और बड़े दिल वालों के दिल में छोटी मोती बुराइयों और झगड़ों के लिए समय और जगह दोनों नहीं होते।

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