Tuesday 13 November 2018

"कुछ दिए इनके लिए"

"कुछ दिए इनके लिए"
दान,दक्षिणा ये शब्द बहुत सालों से कानों ने सुने और निर्वाह करते हुए लोगों को भी देखा और खुद भी करता रहा। पर इस साल दीवाली पर कुछ लोगों को कुछ ऐसा काम करते देखा जो देखने में तो आम दान-दक्षिणा वाली पद्धति का हिस्सा लग रहा था,पर जब उसके बारे में जाना तो वो वाकई में उससे कहीं अधिक था।और इस बात ने मुझे नई प्रेरणा दी और अंतरात्मा तक पहुंच कर कुछ अजीब सा सुकून दिया।जो लगा कि आपसे भी कहूँ और शायद इस अद्भुत पहल का एहसास शायद आप भी करना चाहें।
शहर में कुछ युवा सदस्यों का एक ग्रुप है ,जो कभी कभार अपने रूटीन में से समय निकाल कर कुछ-कुछ लोगों की अलग-अलग तरीके से मदद करते रहते हैं।पर खास बात इसमें नहीं है, क्योंकि ख़ुदा की इस जन्नत नुमा ज़मीं पर हर शहर में ऐसे कई ग्रुप काम कर रहे हैं,जो लोगों की तकलीफें और गम बांट रहे हैं।पर जो वो उस दिन कर रहे थे वो ज़रूर कुछ खास था।
मेरी मुलाकात ग्रुप के कुछ सदस्यों से हुई जो हर दीवाली अपने साथियों के साथ मिलकर शहर के कुछ जगहों पर जाकर,जहां ज़रूरतमंद परिवार रहते हैं,उन्हें एक पैकेट दीवाली की शुभकामनाओं भरे संदेश के साथ मुस्कुराते हुए देते हैं,ये पैकेट अपने आप में कुछ खास होता हैं इसमें उस घर के लिए 11दीपक उनके लिए तेल और रुई की बाती,पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश जी की तस्वीर और साथ में छोटी सी चिट्ठी होती है,जिसमें परिवार के लिए एक छोटा सा संदेश होता है,जिसमें बड़े ही आदर,सम्मान और प्यारे शब्दों में लिखा होता है "कि आदरणीय ये कोई दान नहीं बस एक छोटा सा उपहार है,ताकि इस दिवाली दीपकों की रोशनी हर घर में और भी ज्यादा होकर त्योहार को रोशन कर दे।" उन सभी योवाओं की इस पहल को देखकर लगा मानो सही मायने में दिवाली पर रोशनी को बिखेरने की ये कोशिश सराहनीय है और सच्ची भी। इस ग्रुप के सदस्यों ने बताया कि ये कोशिश कुछ 4 साल पहले 51 घरों को रोशन करने से शुरू हुई थी,और आज ये लगभग 200 से भी ज्यादा घरोंदों को रोशन कर रही है हर दीवाली। ग्रुप के सदस्य जो आज अलग-अलग शहरों में भी हैं,वो वहां भी इसी कोशिश में है कि हर दीवाली उनके आसपास किसी भी घरोंदे को अंधेरे की चादर न ढक पाए रोशनी की ये कतार हर घर को रोशन करे।
इस ग्रुप के सभी सदस्यों और उनकी इस रोशनी बिखेरने की अनुपम पहल को मेरा सादर नमन।
और इसी से प्रेरणा लेकर मैंने भी "कुछ दिए इनके लिए" पहल में अपनी ओर से रोशनी की निश्छल भेंट जरूरतमंद परिवार को अर्पित की।आप भी ज़रूर करें अद्धभुत आनन्द की प्राप्ति होती है करियेगा ज़रूर।

4 comments:

  1. This diwali i make aprox 20 familys happy with our prabhav family...
    Kyuki apni zindgi k 15 saal bs pathako k dhuya me udai thi.... es diwali ... kisi k ghar ko roshan kr k diwali manane ka mza hi alg ha .. kyuki zindgi wo nahi jo apne liya hi jee jaye ... zindgi woo ha jo dusro ki kushi me bhi apni kushi ko dhund kr jee jaye .... thanks to prabhav family for giving me this opportunity for social cause ..... kuch na krne se , kuch krna aacha lgta ha..

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    1. Thank you very much for sharing your valuable experience

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