Saturday 22 November 2014

“SELF LOVE IS NOT SO VILE A SIN AS SELF-NEGLECTING”

“SELF LOVE IS NOT SO VILE A SIN AS SELF-NEGLECTING”
विलियम शेक्सपीयर का ये कहना बिल्कुल सही है,जीवन में हमेशा परोपकार की भावना रखनी तो चाहिए पर कभी-कभी अपने बारे में भी सोच लेना चाहिए क्योंकि-
"खुद से प्यार करना इतना बड़ा पाप नहीं है जितना खुद की भावनाओं और खुशियों को नज़रअंदाज़ करना"
जरा खुद से पूँछ कर तो देखिये आखिरी बार आपने खुद के लिए ख़ुशी से भरा कौन-सा लम्हा जिया थाआखिरी बार खुद के लिए कब आपने समय निकाला था? शायद कल,परसों या कुछ दिनों पहले अगर बात यहां तक है,तो ठीक है पर अगर यही बात हफ़्तों या महीनों में बदल गई है, तो ये खतरे की घंटी की आवाज़ है क्योंकि कहीं न कहीं आप अपने आप को समय न देकर नज़रअंदाज़ कर बहुत बड़ा नुक्सान भी कर रहे हैं
कहते हैं आप अगर जीवन में ख़ुशी और उत्साह के साथ समय बिताना चाहते हैं,तो समय-समय पर हमें कुछ छोटे-छोटे ही सही ऐसे काम करते रहना चाहिए जो दिल को ख़ुशी से भर दे
ये छोटा काम कुछ भी हो सकता है,जैसे अगर आपको पेंटिंग करना पसंद है, और ये आपको ख़ुशी देता है, तो कभी-कभी समय निकल कर पेंटिंग  जरूर किया करें ये आपके दिल को खुशियों से भर देगा
कभी पानी में पैर डालकर बैठिये बहुत सुक़ून मिलेगा कभी सुबह-सुबह ओस की गीली घांस पर नंगे पैर चलकर देखिये अच्छा लगेगा चांदिनी रात में टहलकर देखिये सुक़ून मिलेगा
आप आख़िरी बार फिल्म देखने कब गए थे? अगर याद नहीं तो यक़ीन मानिए आप बहुत कुछ मिस कर रहे हैं बस ज़रा सा सोचिये एक बड़े सिनेमा हाल में आप सिर्फ आप, साथ में पॉपकॉर्न का बड़ा-सा पैकेट और कोल्ड ड्रिंक या गर्म कॉफ़ी की चुस्की चारों ओर से अजनबियों से घिरे आप और परेशान करने वाला कोई नहीं
ऐसे बहुत से काम हैं इस दुनिया में जो आप अपनी खुशियों के लिए कर सकते हैं और भरोसा रखिये ज़रा सा समय अपने लिए भी निकाल कर देखिये अच्छा लगेगा. खुद से प्यार करना इतना बड़ा पाप नहीं जितना अपनी अंतरआत्मा की आवाज़ का दमन करना

क्योंकि -"जो चीज़ें या काम आपको ख़ुशी देता है, वो चीज़ें आप जरूर करें अपने आपका अच्छे से ख्याल सभी प्रकार से रखें और यह एक अच्छी और सही प्रकार की स्वार्थी प्रवत्ति है"

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