तारीख़ 14 जुलाई 2016 दिन गुरुवार समय सुबह के कुछ
8:00 बज रहे थे,हम सभी लोग निश्चित समय पर तय जगह पर पहुँच गए,मौका था “प्रभव
वेलफेयर सोसाइटी सागर” के एक और कार्यक्रम का जिसका नाम हमने “नन्हे कलाकार” रखा था,घड़ी
की सुई की टिक-टिक की आवाज़ के साथ हम सभी सदस्यों के हाँथ भी तेजी से चल रहे थे
तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए,और थोडा डर भी लग रहा था कि ये नन्हे बच्चे
प्रतियोगिता के शीर्षक को समझ पाएंगे की नहीं,और कुछ बना भी पायेंगें की नहीं, इन
आशंकाओं के बीच ठीक 8 बजकर 10 मिनिट पर सभी बच्चे “सरस्वती शिशु मंदिर पथरिया जाट”
गाँव में स्कूल के कमरे में इकट्ठा होना शुरू गए, वो सभी इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित
दिख रहे थे,नन्ही आँखें आत्मविश्वास से भरी हुई थी,जिन्हें देखकर हम सभी को थोडा
सुकून आया। नियत समय 8 बजकर 15 मिनिट पर कार्यक्रम
शुरू हुआ जिसमें हमने उन्हें कलर बॉक्स और ड्राइंग शीट दी और तुरंत ही उन लोगों ने
अपने सपनों के कैनवास पर जो भी आकृतियाँ बनायीं थी,उन्हें वहां रंगों से साकार
करना शुरू कर दिया । चूँकि कार्यक्रम का उद्देश्य इन नन्हे
बच्चों को प्रकृति के करीब लाना था इसीलिए इन सभी को “जीवन में पेड़ों का महत्व” पर
अपनी रचना बनाने को कहा गया था.
जैसे जैसे समय आगे
बढता गया वैसे वैसे हमारी सारी आशंकाएं छु मंतर हो गयी । हर नन्हें बच्चे ने इतनी सफाई और दिल से अपनी रचना के आकर को साकार
किया कि सही मायने में उन्हें “नन्हे बच्चे” कहना गलत लग रह था वो सच में “नन्हे
कलाकार” लग रहे थे । सभी ने अपनी अपनी रचनाओं से “जीवन में
प्रकृति का महत्व” बताया । अंत में जब फैसले की घड़ी आई तो हम सब उन
सभी की रचनाओं को देखकर हतप्रभ रह गए,क्योंकि सब एक से बढकर एक थी,कोई किसी से कम
नहीं था । फिर भी हमें पुरुस्कार तो कुछ ही रचनाओ को देना
था सो बेहद मुश्किल से फैसला ले पाए । फिर भी सभी “नन्हे कलाकारों” को हमने प्रोत्साहन के तौर पर कुछ उपहार
भी दिए । ये पल अपने आप में कुछ अलग ही अनुभव दे रहे थे
जब हम सभी वहां से बिदा ले रहे थे तो मन में एक अलग ही उत्साह था । आज की सुबह ये “नन्हे कलाकार” हम सभी के लिए एक प्रेरणा दूत बन कर
आये जिन्होंने सिर्फ एक घंटे के छोटे से समय अंतराल में हमें बहुत कुछ सिखा दिया
था. इन पलों को हम सभी ने अपने अपने कैमरों से तस्वीर के रूप में सहेज कर हमेशा के
लिए अपने पास रख लिया ।
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